नवरात्रि ( Navratri) 2025: तिथि, कलश स्थापना मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष साधनाएँ

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चैत्र नवरात्रि (Navratri )2025 कब है?

चैत्र नवरात्रि  (Navratri) 2025 की शुरुआत 30 मार्च 2025 (रविवार) से होगी और इसका समापन राम नवमी के दिन 6 अप्रैल 2025 को होगा। इस नौ दिवसीय पर्व में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 (रविवार) से   6 अप्रैल 2025 होगी

 

 नवरात्रि में क्या-क्या करते हैं?

  1. कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना किया जाता है। भागवती के दोरी को कलश में भरकर गंगाजल भरें और पूजा करें।
  2. मां दुर्गा की पूजा: नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है।
  3. उपवास और पाठ: नवरात्रि के दोरान रात को सामुहिक माने के लिए सप्तशी का पाठ करना घर में शुभ माना जाता है।

 

Navratri – कलश स्थापना मुहूर्त

कलश स्थापना (घट स्थापना) का शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2025 को प्रातः 6:12 बजे से 8:23 बजे तक रहेगा। इस अवधि में घट स्थापना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

कलश स्थापना विधि

  1. एक तांबे या मिट्टी के कलश को लें और उसमें जल भरें।
  2. कलश में साबुत सुपारी, अक्षत (चावल), सिक्का और पांच पत्तियाँ डालें।
  3. कलश के मुख पर नारियल रखें और लाल कपड़े से लपेट दें।
  4. माँ दुर्गा का आह्वान करें और संकल्प लें।
  5. कलश को पूजा स्थल पर स्थापित करें और माता की प्रतिमा या चित्र रखें।

नवरात्रि में पूजा कैसे करें?

  1. प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा क्रमशः प्रतिदिन करें।
  3. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और आरती गाएँ।
  4. माता को भोग अर्पित करें और दीप जलाएं।
  5. कन्या पूजन अष्टमी या नवमी तिथि को करें।

माँ दुर्गा के नौ रूप और उनकी पूजा विधि

दिनदेवी का नामपूजन विधि
पहला दिनमाँ शैलपुत्रीघी का भोग लगाएँ, मनोकामना पूर्ति के लिए।
दूसरा दिनमाँ ब्रह्मचारिणीचीनी का भोग लगाएँ, संयम और तप की शक्ति के लिए।
तीसरा दिनमाँ चंद्रघंटादूध या खीर का भोग लगाएँ, साहस और निर्भयता के लिए।
चौथा दिनमाँ कूष्मांडामालपुए का भोग लगाएँ, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए।
पाँचवाँ दिनमाँ स्कंदमाताकेले का भोग लगाएँ, संतान सुख के लिए।
छठा दिनमाँ कात्यायनीशहद का भोग लगाएँ, विवाह और प्रेम प्राप्ति के लिए।
सातवाँ दिनमाँ कालरात्रिगुड़ का भोग लगाएँ, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए।
आठवाँ दिनमाँ महागौरीनारियल का भोग लगाएँ, जीवन में शांति के लिए।
नवाँ दिनमाँ सिद्धिदात्रीतिल का भोग लगाएँ, सिद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए।

 

नवरात्रि में व्रत कैसे रखें और क्या खा सकते हैं?

  1. व्रत में सात्विक आहार लें।
  2. फल, दूध, मखाना, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, आलू, मूंगफली खा सकते हैं।
  3. नमक के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग करें।
  4. लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन से बचें।

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि

  1. पाठ से पहले स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
  2. दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय होते हैं, जिन्हें प्रतिदिन एक या अधिक अध्याय के रूप में पढ़ सकते हैं।
  3. पाठ के अंत में देवी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

नवरात्रि कैसे मनाएँ?

  1. पूरे नौ दिन माँ दुर्गा की आराधना करें।
  2. अपने घर और मंदिर को साफ-सुथरा रखें।
  3. प्रतिदिन दीप प्रज्वलित करें और भजन-कीर्तन करें।
  4. जरूरतमंदों को भोजन कराएं और पुण्य प्राप्त करें।

Navratri-उद्यापन (व्रत समापन) कैसे करें?

  1. नवमी के दिन कन्या पूजन करें।
  2. नौ कन्याओं और एक बालक को भोजन कराएं।
  3. माता का आशीर्वाद लें और सुहाग सामग्री का दान करें।
  4. कलश विसर्जन करें और संकल्प पूर्ण करें।

राम नवमी 2025

राम नवमी का पर्व 7 अप्रैल 2025 (सोमवार) को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

पूजा विधि:

  1. भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
  2. फल, फूल, पंचामृत से पूजा करें।
  3. रामचरितमानस या रामायण का पाठ करें।
  4. श्रीराम के नाम का जाप करें।

इस प्रकार, चैत्र नवरात्रि में श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत-पूजा करने से माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

 

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