Colonel Sophia Qureshi और Wing Commander Vyomika Singh:
Operation Sindoor की कमान संभालने वाली महिला योद्धाएं:
7 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों पर एक सटीक और सुसंगत सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया — यह उन शहीदों की विधवाओं और परिवारों को श्रद्धांजलि है जो पहलगाम हमले में मारे गए थे।
लेकिन इस ऑपरेशन की एक और खास बात थी जिसने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया — इस सैन्य कार्रवाई के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व दो महिला अधिकारियों Sophia Qureshi और Vyomika Singh ने किया, जो भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक बन गईं।
Who is Colonel Sophia Qureshi?
- सेवा क्षेत्र: भारतीय सेना (सिग्नल कोर)
- विशेष उपलब्धि: 2016 में ‘फोर्स 18’ मल्टीनेशनल एक्सरसाइज में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी
- अनुभव: संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा मिशनों में छह वर्षों का अनुभव, विशेष रूप से कांगो में
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: गुजरात से हैं और सेना के परिवार से आती हैं। इनके दादा भी सेना में थे। पति मेजर ताजुद्दीन कुरैशी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में कार्यरत हैं।
कर्नल सोफिया ने कमीशन प्राप्त किया था और तीन दशक से अधिक समय से भारतीय सेना में सेवा दे रही हैं। उनकी रणनीतिक सोच और लीडरशिप ने उन्हें इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व सौंपने के लिए उपयुक्त विकल्प बनाया।
Who is Wing Commander Vyomika Singh ?
- सेवा क्षेत्र: भारतीय वायु सेना (IAF)
- उपलब्धियाँ: हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में उच्च जोखिम वाले अभियानों में भागीदारी; पूर्वोत्तर में बाढ़ राहत अभियानों के लिए सराहना
- प्रशिक्षण: NCC से शुरुआत की, इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद 2004 में IAF में शामिल हुईं
- मशहूर मिशन: 2020 का अरुणाचल प्रदेश बचाव मिशन, 2021 की त्रिसेना महिला पर्वतारोहण अभियान (Mt. Manirang – 21,650 ft)
2009 में उन्हें वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन दिया गया।
आज वे Chetak और Cheetah जैसे हेलिकॉप्टरों को भारत के सबसे कठिन इलाकों में सफलतापूर्वक उड़ा चुकी हैं।
महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक
यह पहली बार था जब किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन के बाद दो महिला अधिकारियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी दी गई। इससे यह स्पष्ट संदेश गया कि अब भारत की सैन्य कार्रवाई में न सिर्फ रणनीति और शक्ति दिखती है, बल्कि लैंगिक समानता और पेशेवर नेतृत्व भी सामने आता है।
कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह ने न केवल अपने सशक्त वक्तव्यों से देशवासियों में भरोसा जगाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की गंभीरता और विवेकशील सैन्य दृष्टिकोण को दर्शाया।
यह ऑपरेशन केवल एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि भारत का एक सुस्पष्ट संदेश था —
आतंकवाद के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं।
लेकिन साथ ही, यह कार्रवाई बेहद संयमित रही और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।
भारत ने न केवल आतंक के अड्डों को खत्म किया बल्कि यह भी दिखाया कि हमारा उद्देश्य युद्ध नहीं, न्याय है।
Colonel Sophia Qureshi और Vyomika Singh का प्रेस ब्रीफिंग में नेतृत्व करना एक प्रतीकात्मक क्षण था
— यह दिखाने के लिए कि भारत की सेना केवल पुरुषों का मैदान नहीं रही, बल्कि महिलाएं अब इस क्षेत्र में भी निर्णयकर्ता और नेतृत्वकर्ता हैं।
इन दोनों अधिकारियों ने साबित किया कि देशभक्ति, समर्पण और नेतृत्व क्षमता किसी लिंग से नहीं, संकल्प से जुड़ी होती है।
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