Cannes Film Festival: इतिहास, महत्व और भारत का सफर

Cannes Film Festival

कान्स फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और ग्लैमरस फिल्म समारोहों में से एक है। हर साल मई महीने में फ्रांस के सुंदर शहर “कान्स” में आयोजित होने वाला यह फेस्टिवल न केवल फिल्मों की कला का उत्सव है, बल्कि यह फैशन, ग्लोबल नेटवर्किंग और सिनेमा की दिशा तय करने वाला मंच भी बन गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी शुरुआत कब हुई, क्यों हुई, और भारत की इसमें क्या भूमिका रही है?

Cannes Film Festival की शुरुआत कैसे हुई?

Cannes Film Festival की नींव द्वितीय विश्व युद्ध के समय रखी गई थी। इसका पहला संस्करण 1939 में होना था, लेकिन युद्ध की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा। आखिरकार, इसका औपचारिक उद्घाटन 20 सितंबर 1946 को हुआ। इसका उद्देश्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष फिल्म मंच बनाना था जो राजनीति से प्रभावित न हो।

कान्स इतना लोकप्रिय क्यों है?

  1. ग्लोबल एक्सपोजर: यहां दुनिया भर की फिल्मों को एक ही मंच पर प्रस्तुत किया जाता है।
  2. रेड कार्पेट: फैशन और सेलिब्रिटीज के लिए सबसे बड़ा ग्लैमर शोकेस बन चुका है।
  3. पैले डी फेस्टिवल (Palais des Festivals): यहीं पर फिल्म स्क्रीनिंग और प्रतियोगिताएं होती हैं।
  4. प्रतिष्ठित पुरस्कार: सबसे बड़ा सम्मान है “Palme d’Or” (पाम द’ओर) जिसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दिया जाता है।
  5. इंडस्ट्री मीट्स: यहां फिल्म वितरकों, निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों के लिए नेटवर्किंग और बिज़नेस के बड़े मौके मिलते हैं।

भारत का पहला अनुभव कान्स में कब हुआ?

भारत का पहली बार प्रतिनिधित्व कान्स फिल्म फेस्टिवल में 1946 में ही हुआ, जब चेतन आनंद की फिल्म Neecha Nagar ने सर्वोच्च पुरस्कार Grand Prix du Festival International du Film (आज का Palme d’Or) जीता।

यह भारत और एशिया की पहली फिल्म थी जिसे यह सम्मान मिला।

  • सत्यजीत रे: उनकी फिल्मों जैसे Pather Panchali, Charulata को भी सराहा गया।
  • मीरा नायर: Salaam Bombay! को 1988 में Camera d’Or मिला।
  • ऐश्वर्या राय, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, मणि रत्नम जैसे सितारे Cannes में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
  • 2022 में दीपिका पादुकोण को आधिकारिक जूरी सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था।

कान्स में होता क्या है?

  1. फिल्म स्क्रीनिंग्स: प्रतियोगिता और गैर-प्रतियोगिता दोनों श्रेणियों में।
  2. गाला प्रीमियर: बड़ी फिल्मों का वर्ल्ड प्रीमियर।
  3. रेड कार्पेट इवेंट्स: जहां फैशन और ग्लैमर दिखता है।
  4. मीडिया इंटरव्यू और फोटो कॉल्स।
  5. फिल्म मार्केट (Marché du Film): दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म व्यापार बाजार।
कान्स का भारतीय सिनेमा पर प्रभाव:
  • अंतरराष्ट्रीय पहचान और वितरण के अवसर मिलते हैं।
  • भारतीय फिल्मों की गुणवत्ता और विविधता को सराहना मिलती है।
  • भारतीय फैशन और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जाता है।

2025 में Cannes Film Festival में भारतीय उपस्थिति और प्रमुख आकर्षण

निर्देशक नीरज घेवन की फिल्म Homebound ने “Un Certain Regard” सेक्शन में प्रीमियर किया। इस फिल्म में जाह्नवी कपूर, ईशान खट्टर और विशाल जेठवा ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं। फिल्म को 9 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला, जिससे यह भारतीय सिनेमा की एक बड़ी उपलब्धि बन गई। मार्टिन स्कॉर्सेसी इस फिल्म के कार्यकारी निर्माता थे

पिछले वर्ष All We Imagine As Light के लिए ग्रैंड प्रिक्स जीतने वाली पायल कपाड़िया को इस वर्ष मुख्य प्रतियोगिता की जूरी में शामिल किया गया। यह भारतीय सिनेमा के लिए एक गर्व का क्षण था।

आलिया भट्ट ने L’Oréal Paris की ग्लोबल एंबेसडर के रूप में Cannes में अपना डेब्यू किया। उनकी उपस्थिति ने फैशन प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया।

बोमन ईरानी और मकरंद देशपांडे ने प्रसनजीत चक्रवर्ती की फिल्म Chindi Pakad का पोस्टर लॉन्च किया, जो भारतीय सिनेमा की विविधता को दर्शाता है।

टीवी अभिनेत्री नेहा पेंडसे और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर विशाल पांडे ने Cannes में अपना डेब्यू किया,

जिससे भारतीय टेलीविजन और डिजिटल मीडिया की उपस्थिति भी महसूस की गई।

राजस्थानी भाषा में बनी फिल्म Omlo ने Cannes Film Market में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई,

जो क्षेत्रीय भारतीय सिनेमा की वैश्विक पहचान को दर्शाता है।

सत्यजीत रे की क्लासिक फिल्म Aranyer Din Ratri को 4K में रिस्टोर करके Cannes Classics सेक्शन में प्रदर्शित किया गया,

जिसमें शर्मिला टैगोर ने भी भाग लिया।

सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट की छात्रा कोकोब गेब्रहेवेरिया टेस्फाय की फिल्म A Doll Made Up of Clay को La Cinef सेक्शन में चुना गया, जो भारतीय फिल्म शिक्षा की गुणवत्ता को दर्शाता है।

धनुष अभिनीत और ओम राउत द्वारा निर्देशित Kalam: The Missile Man of India की घोषणा Cannes Film Market में की गई,

जो डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित है।

ऐश्वर्या राय बच्चन & अदिति राव हैदरी: परंपरा और ग्लैमर का संगम

ऐश्वर्या राय बच्चन Cannes 2025 

Cannes 2025 में ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी 22वीं उपस्थिति दर्ज की, पहले दिन, ऐश्वर्या ने मनीष मल्होत्रा द्वारा डिज़ाइन की गई हाथ से बुनी कढ़वा बनारसी साड़ी पहनी, जिसमें सिल्वर ज़री और गुलाबी-गोल्ड डिटेलिंग थी। उन्होंने इसे 500 कैरेट के रूबी और डायमंड ज्वेलरी के साथ संयोजित किया। उनके माथे पर सिन्दूर ने पारंपरिक भारतीय विवाहित महिला के रूप को दर्शाया,

जिसे कई लोगों ने उनके वैवाहिक जीवन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक माना।

दूसरे दिन, ऐश्वर्या ने गौरव गुप्ता द्वारा डिज़ाइन की गई ब्लैक वेलवेट गाउन पहनी, जिसमें ‘गैलेक्टिक एम्ब्रॉयडरी’ और सिल्वर रैप था।

अदिति राव हैदरी  Cannes 2025

अदिति राव हैदरी ने Cannes 2025 में अपने फैशन विकल्पों से सभी का ध्यान आकर्षित किया, अदिति ने राहुल मिश्रा की ‘ऑरा कलेक्शन’ से एक ओम्ब्रे बॉडीकॉन गाउन पहना,

जिसमें रेशम के धागे, सीक्विन्स और साली (ग्लास बगले बीड्स) की कढ़ाई थी।

अपने दूसरे लुक में, अदिति ने लाल साड़ी पहनी और सिन्दूर लगाया, जो पारंपरिक भारतीय विवाहित महिला के रूप को दर्शाता है। उनके पति सिद्धार्थ ने इस लुक की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर ‘That sindoor though’ टिप्पणी की।

Cannes के दौरान, अदिति ने अपने ऑफ-ड्यूटी लुक में भी सभी का ध्यान खींचा, जिसमें उन्होंने GRAINE ब्रांड की पिंक और व्हाइट चेक्ड शर्ट पहनी,

जो आरामदायक और स्टाइलिश थी।

 

 

 

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

Q1. Cannes Film Festival क्या है?
Cannes Film Festival एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह है जो हर साल फ्रांस के Cannes शहर में आयोजित होता है। यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवलों में से एक है।

Q2. Cannes Film Festival की शुरुआत कब हुई थी?
इसकी शुरुआत 1946 में हुई थी, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद। पहली बार इसे 1939 में आयोजित करना था, लेकिन युद्ध के कारण स्थगित कर दिया गया।

Q3. Cannes इतना प्रसिद्ध क्यों है?
यह फिल्मों, फैशन और ग्लोबल नेटवर्किंग का संगम है। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित फिल्में यहां प्रदर्शित होती हैं, और “Palme d’Or” पुरस्कार इसके सर्वोच्च सम्मान में से एक है।

Q4. भारत का Cannes Film Festival में पहला योगदान कब हुआ?
1946 में चेतन आनंद की फिल्म Neecha Nagar को ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार मिला था। यह भारत की पहली बड़ी जीत थी Cannes में।

Q5. क्या Cannes में सिर्फ फिल्मों की बात होती है?
नहीं, यह फिल्म व्यापार, फैशन, सेलिब्रिटीज़, और मीडिया इंटरव्यू से भरपूर एक बहुआयामी आयोजन होता है।

Q6. Cannes में भारत की वर्तमान भूमिका क्या है?
भारत Cannes में फिल्मों, फैशन और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व के जरिए नियमित रूप से भाग लेता है। कई बॉलीवुड सितारे वहां रेड कार्पेट पर नज़र आते हैं।

कान्स फिल्म फेस्टिवल केवल एक फिल्म समारोह नहीं, बल्कि यह वैश्विक कला, संस्कृति और व्यापार का संगम है। भारत की इसमें भागीदारी पिछले कुछ दशकों में काफी बढ़ी है, और आज यह हर भारतीय कलाकार के लिए एक गौरव का विषय बन गया है। जैसे-जैसे भारत विश्व सिनेमा में अपनी जगह बना रहा है, कान्स में हमारी उपस्थिति और भी मजबूत होती जा रही है।

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