RCB ने रचा इतिहास: 18 साल बाद जीता पहला IPL खिताब – 3 जून 2025 बना ऐतिहासिक दिन

RCB ने 18 साल बाद जीता पहला IPL खिताब – 3 जून 2025

3 जून 2025 का दिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के करोड़ों फैन्स के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं रहा। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18 साल लंबे खिताबी सूखे को खत्म कर दिया।

18 साल का इंतज़ार आखिरकार खत्म

2008 में IPL की शुरुआत से ही RCB को स्टार खिलाड़ियों की टीम माना गया, लेकिन खिताब हमेशा उनसे दूर ही रहा। 2009, 2011 और 2016 में टीम फाइनल में पहुंची, पर हर बार हार का सामना करना पड़ा। मगर इस बार विराट कोहली की कप्तानी और टीम के संतुलित प्रदर्शन ने इतिहास रच दिया।

फाइनल मैच का रोमांच

RCB ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 190 रन बनाए। जवाब में पंजाब किंग्स 184 रन ही बना सकी और 6 रनों से हार गई। मैच अंतिम ओवर तक सांसें थाम देने वाला रहा, जहां एक-एक गेंद पर खेल का रुख बदलता दिखा।

मैच के हीरो

विराट कोहली – टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज ने इस सीजन में कुल 614 रन बनाए। उनका अनुभव और जुनून टीम की जीत में सबसे अहम रहा।

जोश हेज़लवुड – तेज़ गेंदबाज़ी में कमाल दिखाते हुए उन्होंने इस सीजन में 21 विकेट झटके और विपक्षी बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने।

जश्न का माहौल और फैन्स की दीवानगी

RCB की इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर #EeSalaCupNamde ट्रेंड करने लगा। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक और देश से बाहर भी फैन्स ने आतिशबाज़ी और ढोल-नगाड़ों से जीत का जश्न मनाया।

मशहूर रैपर ड्रेक ने भी RCB पर $750,000 की शर्त लगाई थी, जिसे वो जीत गए। यह दर्शाता है कि RCB की जीत का उत्साह सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में देखा गया।

Orange Cap Winner – विराट कोहली (RCB)

रन: 614 रन

मैच: 15

औसत: 51.16

स्ट्राइक रेट: 145+

विराट कोहली ने पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त लय दिखाई। उन्होंने दो शानदार शतक और चार अर्धशतक जमाए।

उनका अनुभव और दबाव में खेलने की क्षमता ही RCB की बल्लेबाज़ी की रीढ़ बनी।

Purple Cap Winner – जसप्रीत बुमराह (MI)

विकेट: 23 विकेट

इकॉनमी: 6.45

मैच: 14

भले ही मुंबई इंडियंस फाइनल तक नहीं पहुंची, लेकिन बुमराह की घातक गेंदबाज़ी सीजन में सबसे अलग रही।

डेथ ओवर्स में उनकी यॉर्कर और सटीक लाइन-लेंथ ने विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान किया।

समापन समारोह की झलक

मैच के बाद हुए समापन समारोह में शंकर महादेवन और उनके बेटों ने शानदार परफॉर्मेंस दी। साथ ही, भारतीय वायुसेना के जेट्स ने आसमान में तिरंगे के रंग उड़ाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भी श्रद्धांजलि दी।

 

RCB की यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि 18 साल के संघर्ष, समर्पण और भरोसे की जीत है। यह खिताब टीम के हर फैन को गर्व करने का मौका देता है। अब सबकी निगाहें अगले सीजन पर होंगी, जहां RCB से उम्मीदें और भी ज़्यादा होंगी।

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