अक्षय तृतीया (Akashay Tritiya) कब है?
तिथि: 30 अप्रैल 2025 (बुधवार)
मुहूर्त:
- तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025 को शाम 5:31 बजे
- तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:12 बजे तक
अक्षय तृतीया (Akashay Tritiya) का महत्व
“अक्षय” का अर्थ है – कभी खत्म न होने वाला।
इस दिन किया गया दान, तप, पूजा और खरीदारी का फल सदा फलदायक माना जाता है।
📖 अक्षय तृतीया की पौराणिक कथाएँ
1. श्रीकृष्ण और सुदामा
- सुदामा ने श्रीकृष्ण को चिवड़ा भेंट किया
- बदले में श्रीकृष्ण ने उन्हें धन-संपत्ति दी
- यह दिन मित्रता और भक्ति का प्रतीक बना
2. गंगा अवतरण
- इसी दिन गंगा माँ धरती पर आईं
- इस दिन स्नान और दान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है
3. महाभारत लेखन
- वेदव्यास जी ने भगवान गणेश को महाभारत लिखवाना शुरू किया
- यह दिन ज्ञान और लेखन के लिए शुभ
4. परशुराम जयंती
- विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ
- इसलिए यह दिन शक्ति और वीरता का प्रतीक भी है
5. कुबेर को खजाना प्राप्त हुआ
- देवताओं ने कुबेर को खजाने की जिम्मेदारी दी
- इस कारण धन से जुड़ी हर चीज़ इस दिन खरीदी जाती है
सोना खरीदने का महत्व
- इस दिन सोना खरीदना अक्षय लक्ष्मी का आह्वान माना जाता है
- यह समृद्धि और स्थायी धन का प्रतीक है
- सोना/चांदी/कीमती वस्तुएं खरीदना इस दिन शुभ होता है
पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- घर में विष्णु-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें
- दीप जलाकर पूजा करें
- नैवेद्य, फूल, चावल अर्पण करें
- जल, अन्न, वस्त्र का दान करें
- सोना/कीमती धातु खरीदें
अक्षय तृतीया (Akashay Tritiya) सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक ऊर्जा का दिन है।
इस दिन किया गया हर अच्छा कार्य जीवन में स्थायी फल देता है।
अगर आप नए कार्य की शुरुआत, धन निवेश या खरीदारी की सोच रहे हैं – यही सबसे शुभ दिन है!
Frequently Asked Questions (FAQs)
अक्षय तृतीया 2025 में कब है?
उत्तर: अक्षय तृतीया 2025 में 30 अप्रैल (बुधवार) को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:31 बजे शुरू होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे समाप्त होगी।
अक्षय तृतीया का क्या महत्व है?
उत्तर: अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है जब कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है। इस दिन किया गया दान, पूजा, और निवेश कभी खत्म नहीं होता और जीवन में समृद्धि लाता है।
अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना शुभ होता है?
उत्तर: इस दिन सोना, चांदी, वाहन, ज़मीन, घर और अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है। इसे अक्षय लक्ष्मी प्राप्ति का प्रतीक माना गया है।
क्या अक्षय तृतीया पर व्रत रखा जाता है?
उत्तर: हाँ, कई श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं। विशेष रूप से महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं और लक्ष्मी-नारायण की पूजा करती हैं।
अक्षय तृतीया की पूजा कैसे करें?
उत्तर: सुबह स्नान के बाद विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करें, दीप जलाएं, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें। गंगाजल, तिल, चावल, गाय का घी आदि का उपयोग करें। इसके बाद सोना या चांदी खरीदें और दान करें।
क्या इस दिन कोई शुभ कार्य कर सकते हैं?
उत्तर: अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य (जैसे शादी, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय) बिना पंडित से पूछे किया जा सकता है।
क्या इस दिन गंगा स्नान का महत्व है?
उत्तर: हाँ, मान्यता है कि इसी दिन माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसलिए गंगा स्नान अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान करना पुण्यदायक होता है।
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