Bada Mangal क्यों है इतना विशेष?
हर साल ज्येष्ठ महीने के मंगलवारों का इंतजार उत्तर भारत, खासकर लखनऊ, के श्रद्धालुओं को बेसब्री से रहता है। इन मंगलवारों को बड़ा मंगल कहा जाता है — हनुमान भक्तों का उत्सव, आस्था का पर्व और संकटों से मुक्ति का व्रत। इस पर्व में श्रद्धालु व्रत रखते हैं, मंदिरों में भंडारे लगते हैं, और जगह-जगह हनुमान चालीसा का पाठ गूंजता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह पर्व आखिर शुरू कैसे हुआ? और इसका संबंध एक मुस्लिम नवाब से कैसे जुड़ गया?
बड़ा मंगल की उत्पत्ति: जब नवाब ने मांगी हनुमान से दुआ
Bada Mnagal की कहानी सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि धर्म-सद्भाव और संवेदनाओं से भी जुड़ी है। कहा जाता है कि लखनऊ के नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा गंभीर रूप से बीमार हो गया था। तमाम हकीमों और वैद्यों की कोशिशों के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। तब किसी ने नवाब को अलीगंज हनुमान मंदिर जाने की सलाह दी। नवाब और उनकी बेगम ने सच्चे मन से हनुमान जी से अपने बेटे के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।
चमत्कारिक रूप से उनका बेटा ठीक हो गया। नवाब इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन करवाया, और तब से ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को “बड़ा मंगल” के रूप में मनाया जाने लगा। यह पर्व हिंदू-मुस्लिम एकता का भी प्रतीक बन गया।
Bada Mangal 2025 की तिथियां
बड़ा मंगल हर साल ज्येष्ठ महीने में आता है। साल 2025 में ज्येष्ठ मास में 5 मंगलवार पड़ेंगे:
- पहला बड़ा मंगल: 13 मई 2025
- दूसरा बड़ा मंगल: 20 मई 2025
- तीसरा बड़ा मंगल: 27 मई 2025
- चौथा बड़ा मंगल: 3 जून 2025
- पाँचवां बड़ा मंगल: 10 जून 2025
इन सभी तिथियों पर विशेष पूजा, व्रत, भंडारे और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।
बड़ा मंगल की पौराणिक कथाएँ: जब हनुमान बने संकटमोचक
बड़ा मंगल सिर्फ किसी एक घटना से नहीं जुड़ा, इसके पीछे कई पौराणिक कहानियाँ हैं, जो इसे विशेष बनाती हैं:
लंका दहन – रावण का अंत शुरू हुआ-हनुमान जी जब सीता माता की खोज में लंका पहुँचे, तो रावण ने उन्हें बंदी बना लिया और उनकी पूंछ में आग लगवा दी। तब हनुमान जी ने पूरी लंका में आग लगा दी और रावण के घमंड का अंत किया। कहा जाता है कि यह घटना ज्येष्ठ मास में हुई थी।
भीम का घमंड चूर किया-महाभारत काल में हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप लेकर भीम के घमंड को तोड़ा। यह कहानी बताती है कि बल से अधिक विनम्रता और भक्ति मायने रखती है।
अमरता का वरदान-मान्यता है कि हनुमान जी को ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ही अमरत्व का वरदान मिला था। तभी से इन मंगलवारों को विशेष महत्व मिला।
भगवान राम से मिलन-त्रेता युग में, हनुमान जी की भगवान राम से पहली मुलाकात भी ज्येष्ठ माह में ही हुई थी। यह मिलन ही रामायण के सभी कार्यों का आरंभ बना।
बड़ा मंगल पर कैसे करें पूजा?
व्रत और संकल्प-प्रातःकाल स्नान कर, लाल वस्त्र धारण करें और हनुमान जी के समक्ष व्रत का संकल्प लें। दिन भर सात्विक आहार लें या फलाहार करें।
पूजन सा-मग्री सिंदूर,चमेली का तेल,तुलसी के पत्ते,लाल फूल,गंगाजल,गुड़-चना, बूंदी लड्डू, केला, इमरती, मीठा पान
विशेष भोग हनुमान जी को प्रिय भोग अर्पित करें
- बूंदी लड्डू – सुख, शांति और प्रसन्नता के लिए
- गुड़ और चना – दुखों का नाश होता है
- केला – फल में प्रियतम, रिश्तों में मिठास लाता है
- इमरती और पान – संकटों से मुक्ति और कर्ज से राहत
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड –बड़ा मंगल पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ बहुत फलदायी माना जाता है। समूह में पाठ करना विशेष फलदायक होता है।
भंडारे का आयोजन –इस दिन भंडारे करना और प्रसाद वितरण करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
Bada Mangal न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि भक्ति, श्रद्धा और साहस से कोई भी संकट टाला जा सकता है। यह पर्व हमें आत्मबल, निष्कपटता, और परोपकार का मार्ग दिखाता है।
बड़ा मंगल (Bada Mangal) का संदेश
इस महान पर्व की सबसे खूबसूरत बात यह है कि यह जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर हर श्रद्धालु को जोड़ता है। लखनऊ से शुरू हुई यह परंपरा अब पूरे उत्तर भारत में श्रद्धा और उमंग से मनाई जाती है।
इस बड़ा मंगल (Bada Mangal)2025 पर आइए, हनुमान जी से प्रार्थना करें कि वे हमें भय, रोग, शत्रु और हर प्रकार के संकट से मुक्ति दिलाएं, और हमें धर्म, साहस और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।
Frequently Asked Questions (FAQ) – बड़ा मंगल 2025
बड़ा मंगल क्या होता है?
Bada Mangal उत्तर भारत, विशेषकर लखनऊ में मनाया जाने वाला एक विशेष मंगलवार है जो ज्येष्ठ मास के हर मंगलवार को पड़ता है। यह दिन हनुमान जी की विशेष पूजा, सेवा, और भंडारों के आयोजन के लिए जाना जाता है।
बड़ा मंगल 2025 में कब-कब है?
Bada Mangal 2025 में पांच बार पड़ेगा
- 13 मई 2025
- 20 मई 2025
- 27 मई 2025
- 3 जून 2025
- 10 जून 2025
बड़ा मंगल की शुरुआत कैसे हुई थी?
इस पर्व की शुरुआत लखनऊ के नवाब मोहम्मद अली शाह की पत्नी द्वारा की गई मानी जाती है। उनकी मन्नत पूरी होने पर अलीगंज हनुमान मंदिर में भंडारा कराया गया, जिसके बाद से यह परंपरा हर वर्ष निभाई जाती है।
क्या बड़ा मंगल सिर्फ लखनऊ में मनाया जाता है?
सबसे भव्य आयोजन लखनऊ में होता है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों जैसे कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और दिल्ली में भी इसे श्रद्धा से मनाया जाता है।
बड़ा मंगल के दिन क्या विशेष पूजा करनी चाहिए?
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें
- गुड़-चना और बूंदी का भोग लगाएं
- लाल फूल, सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं
- गरीबों को भोजन और जल सेवा करें
क्या बड़ा मंगल का व्रत रखा जाता है?
हाँ, कई भक्त इस दिन निर्जला या फलाहारी व्रत रखते हैं
और संध्या के समय हनुमान जी की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं।
Bada Mangal का धार्मिक महत्व क्या है?
यह दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने, संकटों से मुक्ति पाने, बल-बुद्धि-विवेक प्राप्त करने
और जीवन में सफलता के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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