भारत की दिव्या देशमुख बनीं पहली भारतीय महिला FIDE वर्ल्ड कप विजेता और चौथी ग्रैंडमास्टर
भारतीय शतरंज की दुनिया में 28 जुलाई 2025 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया, जब नागपुर की 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने दिग्गज खिलाड़ी कोनेरु हम्पी को हराकर FIDE महिला शतरंज वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया। यह मुकाबला ना सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच था, बल्कि अनुभव और युवा जोश की टक्कर थी। कोनेरु हम्पी जहां विश्व की नंबर 5 खिलाड़ी और मौजूदा वर्ल्ड रैपिड चैंपियन हैं, वहीं दिव्या की वर्ल्ड रैंकिंग 18वीं थी। लेकिन इस प्रतियोगिता में दिव्या ने यह दिखा दिया कि रैंकिंग से ज्यादा मायने रखता है आत्मविश्वास, रणनीति और धैर्य।
टाई-ब्रेकर में दिखाया असली दमखम
दो दिनों तक चले क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, जिसके बाद परिणाम का फैसला टाई-ब्रेकर के माध्यम से हुआ। पहले रैपिड टाई-ब्रेकर गेम में भी दोनों के बीच बाजी बराबरी पर छूटी, लेकिन दूसरे गेम में दिव्या ने काले मोहरों से खेलते हुए हम्पी की कुछ छोटी गलतियों को भुनाया और जीत दर्ज की। यह जीत केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक युग का प्रतीक है — जहां एक युवा खिलाड़ी ने अपने करियर का सबसे बड़ा मुकाम हासिल किया।
दिव्या देशमुख- एक चमकता सितारा
इस जीत के साथ ही दिव्या देशमुख को ग्रैंडमास्टर का खिताब भी प्राप्त हुआ, और वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बन गईं। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। दिव्या का प्रदर्शन बीते कुछ वर्षों में लगातार निखरता गया है। 2024 में उन्होंने अहमदाबाद में आयोजित वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीती थी, और फिर बुडापेस्ट में हुए शतरंज ओलंपियाड में भारत को ऐतिहासिक टीम गोल्ड जिताने में भी अहम भूमिका निभाई थी। अब इस विश्व कप जीत ने उन्हें विश्व महिला शतरंज के शीर्ष खिलाड़ियों की कतार में खड़ा कर दिया है।
कोनेरु हम्पी- सम्मान के साथ विदाई
दूसरी ओर, कोनेरु हम्पी का इस मुकाबले में हारना निश्चित रूप से एक भावनात्मक क्षण था, लेकिन उनके वर्षों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। वह भारतीय महिला शतरंज की नींव हैं, जिनकी प्रेरणा से कई युवा खिलाड़ी आगे बढ़े हैं — जिनमें दिव्या भी शामिल हैं। इस मुकाबले को देखा जाए तो यह केवल हार-जीत नहीं,
बल्कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मशाल सौंपने जैसा था।
भारतीय महिला शतरंज का सुनहरा दौर
FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। चार खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं — यह दिखाता है कि भारत अब महिला शतरंज में एक वैश्विक शक्ति बन रहा है। यह जीत एक संकेत है कि भारतीय महिला खिलाड़ी अब किसी भी मंच पर दबाव में नहीं हैं,
बल्कि इतिहास रचने का माद्दा रखती हैं।
आज जब हम दिव्या देशमुख की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को देखते हैं, तो सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक सपने को साकार होता देखते हैं। यह जीत उस मेहनत, लगन और हौसले का नतीजा है जो भारत की बेटियों में है। दिव्या देशमुख अब ‘कैंडिडेट्स टूर्नामेंट’ के लिए क्वालिफाई कर चुकी हैं,
और पूरा देश गर्व से कह रहा है — “तूने कर दिखाया, दिव्या!”
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. दिव्या देशमुख ने FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 कब और कहाँ जीता?
दिव्या देशमुख ने 28 जुलाई 2025 को जॉर्जिया के बटुमी शहर में FIDE महिला शतरंज वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीता।
2.दिव्या देशमुख ने किस खिलाड़ी को हराकर वर्ल्ड कप जीता?
उन्होंने भारत की ही दिग्गज शतरंज खिलाड़ी कोनेरु हम्पी को टाई-ब्रेकर मुकाबले में हराया।
3.क्या यह दिव्या देशमुख की पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत है?
नहीं, इससे पहले वह 2024 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीत चुकी हैं और बुडापेस्ट ओलंपियाड में भारत को टीम गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका निभा चुकी हैं।
4. क्या दिव्या देशमुख को इस जीत से ग्रैंडमास्टर टाइटल मिला?
हाँ, इस ऐतिहासिक जीत के साथ दिव्या देशमुख को ग्रैंडमास्टर (GM) का खिताब भी प्राप्त हुआ।
वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनी हैं।
5.कोनेरु हम्पी और दिव्या देशमुख के बीच मुकाबले का परिणाम कैसे तय हुआ?
क्लासिकल गेम्स ड्रॉ रहे, जिसके बाद रैपिड टाई-ब्रेकर खेले गए। पहला रैपिड गेम ड्रॉ रहा, लेकिन दूसरे में दिव्या ने काले मोहरों से जीत दर्ज की।
6. क्या दिव्या देशमुख अब किसी और बड़े टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई हुई हैं?
जी हाँ, इस जीत से उन्होंने Candidates Tournament के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।
7. दिव्या देशमुख की उम्र कितनी है और वह कहाँ की रहने वाली हैं?
दिव्या देशमुख 19 वर्ष की हैं और महाराष्ट्र के नागपुर शहर की रहने वाली हैं।
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