40 सालों के लंबे इंतजार के बाद भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। भारतीय वायुसेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बनने जा रहे हैं। यह ऐतिहासिक मिशन, जिसका नाम Axiom Mission 4 (Ax-4) है, उन्हें अमेरिका के NASA Kennedy Space Center से SpaceX के Falcon 9 रॉकेट द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाएगा।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं। भारतीय वायुसेना में एक अनुभवी पायलट के रूप में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं और वर्तमान में ग्रुप कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं। वे गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार भारतीय गगनयात्रियों में से एक हैं, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण के लिए रूस भी भेजा गया था।
बचपन से ही आसमान की ऊंचाइयों में रुचि रखने वाले शुभांशु ने कभी कल्पना नहीं की थी कि वे एक दिन अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। लेकिन कठिन प्रशिक्षण, समर्पण और देशभक्ति ने उन्हें आज इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बना दिया।
Axiom Mission 4 (Ax-4): क्या है ये मिशन?
Axiom Mission 4, जिसे संक्षेप में Ax-4 कहा जा रहा है, एक निजी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसे Axiom Space और SpaceX मिलकर अंजाम दे रहे हैं। इसका उद्देश्य चार अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक भेजना है।
इस मिशन के चार सदस्यों में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (भारत), माइकल लोपेज़-अलेग्रिया (स्पेन/अमेरिका), वाल्टर विलम्सन (इटली) और मार्को सीब (स्वीडन) शामिल हैं।
शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट की भूमिका निभा रहे हैं, जो भारत के लिए गर्व की बात है।
मिशन में देरी: अब तक चार बार टल चुकी है लॉन्चिंग
Ax-4 मिशन की लॉन्चिंग पहले 29 मई 2025 को निर्धारित की गई थी। हालांकि, तकनीकी कारणों से इसे कई बार टालना पड़ा:
- पहली बार लॉन्च 29 मई को होनी थी
- दूसरी बार इसे 8 जून के लिए टाला गया
- फिर 10 जून और 11 जून को निर्धारित किया गया
- 11 जून को शाम 5:30 बजे (IST) लॉन्च होना था, लेकिन रॉकेट में ऑक्सीजन लीक के कारण इसे फिर टाल दिया गया
स्पेसएक्स और एक्सिओम टेक्नीशियन अब इस समस्या को ठीक करने में लगे हुए हैं। नई लॉन्चिंग डेट की घोषणा अभी नहीं की गई है।
क्यों है ये मिशन भारत के लिए खास?
40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा – आखिरी बार 1984 में राकेश शर्मा सोवियत मिशन Soyuz T-11 के तहत अंतरिक्ष गए थे। अब शुभांशु शुक्ला यह विरासत आगे बढ़ा रहे हैं।
पहले भारतीय जो ISS पर जाएंगे – राकेश शर्मा कभी ISS नहीं गए थे क्योंकि वो उस समय अस्तित्व में नहीं था। शुभांशु शुक्ला ISS की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे।
निजी मिशन में भारतीय भागीदारी – यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक मौका है जहां एक भारतीय एक निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बन रहा है।
गगनयान मिशन की तैयारी में मील का पत्थर – शुभांशु जैसे अनुभवी गगनयात्रियों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी गगनयान मिशन के लिए भी अनुभव और प्रेरणा प्रदान करेगी।
शुभांशु शुक्ला की ट्रेनिंग और तैयारी
शुभांशु शुक्ला को रूस में गगनयान मिशन के लिए विशेष अंतरिक्ष प्रशिक्षण मिला है।
इसके अलावा, उन्होंने नासा और स्पेसएक्स की संयुक्त ट्रेनिंग का भी हिस्सा लिया है, जिसमें उन्हें:
- शून्य गुरुत्वाकर्षण में कार्य करने की ट्रेनिंग
- ISS के भीतर की गतिविधियों की समझ
- अंतरिक्ष यान संचालन और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग
यह सब कुछ उन्हें न केवल अंतरिक्ष यात्रा के लिए सक्षम बनाता है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी मूल्यवान अनुभव देता है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)?
ISS एक मानव-निर्मित उपग्रह और रिसर्च स्टेशन है जो पृथ्वी से करीब 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में स्थित है।
इसमें अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ, जापान और कनाडा की भागीदारी है।
अब भारत भी अप्रत्यक्ष रूप से अपने पहले प्रतिनिधि को वहां भेजने जा रहा है।
ISS पर जाकर वैज्ञानिक:
- पृथ्वी के पर्यावरण और जलवायु पर अध्ययन करते हैं
- अंतरिक्ष में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को समझते हैं
- भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए डेटा इकट्ठा करते हैं
एक सपना जो अब हकीकत बनने वाला है
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि भारत के लिए भी गौरव का क्षण है। 1984 के बाद जब राकेश शर्मा ने कहा था, “सारे जहां से अच्छा,” तब से लेकर आज तक भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में लंबा सफर तय किया है।
अब शुभांशु शुक्ला उस सफर को नई ऊंचाई देने जा रहे हैं। उनकी यह यात्रा भारतीय युवाओं,
वैज्ञानिकों और गगनयात्रियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)-शुभांशु शुक्ला
Q1. शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
Q2. वह किस मिशन के तहत अंतरिक्ष जा रहे हैं?
वह Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे।
Q3. लॉन्चिंग अब तक कितनी बार टाली गई है?
लॉन्चिंग अब तक चार बार टाली जा चुकी है — 29 मई, 8 जून, 10 जून और 11 जून को।
Q4. क्या शुभांशु गगनयान मिशन का हिस्सा हैं?
हां, वे गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं।
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