सावन 2025 कब से शुरू हो रहा है?
हिंदू धर्म में सावन मास को सबसे पवित्र और पुण्यदायक महीनों में गिना जाता है। यह महीना पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है और पूरे भारत में इसे श्रद्धा, भक्ति और तपस्या के साथ मनाया जाता है। इस दौरान भक्त विशेष रूप से व्रत रखते हैं, शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि सावन 2025 कब से शुरू हो रहा है, इसका धार्मिक महत्व क्या है, व्रत और पूजन कैसे किया जाता है और इसके पीछे की पौराणिक कथाएं क्या हैं।
सावन सोमवार व्रत 2025 की तिथियां
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में सावन मास की शुरुआत शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 से हो रही है। इससे पहले 10 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है, जो रात 1:36 बजे से शुरू होकर 11 जुलाई की रात 2:06 बजे तक रहेगी। सावन का महीना 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।
इस वर्ष सावन मास में चार सोमवार पड़ेंगे, जो भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माने जाते हैं।
पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार – 4 अगस्त 2025
सावन क्यों मनाया जाता है?
समुद्र मंथन और शिव का विषपान
समुद्र मंथन की कथा के अनुसार जब हलाहल विष निकला था, तो भगवान शिव ने उसे पी लिया और उनकी जिह्वा नीली हो गई। इसे सहन करने के लिए देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया, जिससे उनका ताप शांत हुआ। तभी से श्रावण मास में जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तो पहले हलाहल विष निकला। यह इतना घातक था कि पूरे ब्रह्मांड के लिए संकट बन गया। तब भगवान शिव ने करुणा दिखाते हुए उसे पी लिया और संसार की रक्षा की। यह घटना सावन मास में ही घटी थी, इसलिए इस महीने शिवजी को जल अर्पित कर धन्यवाद ज्ञापित किया जाता है।
पार्वती जी का कठोर तप
यह भी माना जाता है कि सावन मास में मां पार्वती ने कठिन तप करके शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया था। इसलिए अविवाहित कन्याएं इस मास में सोमवार व्रत रखकर अच्छे वर की कामना करती हैं।मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन मास में कठोर व्रत और तपस्या की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। तभी से इस मास को विवाह की दृष्टि से भी शुभ माना जाता है।
पूजा कैसे करें? (Sawan Puja Vidhi)
सावन के महीने में विशेष रूप से सोमवार को शिवजी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत और रुद्राभिषेक का महत्व अधिक होता है।
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र पहनकर शिव मंदिर जाएं या घर में शिवलिंग का पूजन करें।
- शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें।
- इसके बाद दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत तैयार कर अभिषेक करें।
- बिल्वपत्र, भस्म, भांग, धतूरा, अक्षत, फल-फूल अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- शिव चालीसा, रुद्राष्टक और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
- शाम को दीप जलाकर शिव की आरती करें और प्रसाद बांटे।
सावन सोमवार व्रत का नियम (Sawan Somvar Vrat Rules)
- व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- दिनभर फलाहार या जल उपवास रख सकते हैं।
- शिव मंदिर जाकर या घर में शिवलिंग की पूजा करें।
- व्रत के बाद शाम को कथा सुननी चाहिए।
- चारों सोमवार का व्रत विधिपूर्वक रखें, विशेष फल की प्राप्ति होती है।
कौन-कौन रखते हैं सावन व्रत?
कुंवारी कन्याएं: अच्छे वर की प्राप्ति के लिए।
विवाहित महिलाएं: पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन के लिए।
पुरुष: मानसिक शांति और परिवारिक सुख के लिए।
श्रद्धालु भक्त: मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति के लिए।
कांवर यात्रा का महत्व
सावन में उत्तर भारत के अनेक हिस्सों से कांवरिये गंगाजल लेकर हरिद्वार, गौमुख, गंगोत्री आदि तीर्थ स्थलों से जल भरकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में अर्पित करते हैं। यह यात्रा “कांवर यात्रा” कहलाती है और यह शिवभक्ति की चरम अभिव्यक्ति मानी जाती है।
सावन में क्या करें और क्या न करें?
करें: नियमित रूप से शिव पूजन करें,व्रत और उपवास का पालन करें,सकारात्मक विचार रखें और सेवा कार्य करें।
न करें: लहसुन-प्याज और मांसाहार का सेवन न करें, झूठ बोलने, निंदा करने से बचें,क्रोध और आलस्य से दूरी बनाए रखें।
श्रावण या सावन का महीना आध्यात्मिक साधना, भक्ति और आत्मशुद्धि का समय है। यह महीना केवल व्रत और पूजा का ही नहीं, बल्कि अपने आचरण को सुधारने और शिव तत्व को समझने का अवसर है। सावन 2025 में चार पावन सोमवार का योग है, जो शिवभक्तों के लिए बेहद शुभ संकेत है। आइए, इस सावन में हम भी शिव भक्ति की राह पर चलें और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर दें।
सावन 2025 से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
1.सावन 2025 कब से शुरू हो रहा है?
पंचांग के अनुसार, सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से होगी और यह 9 अगस्त 2025 (शनिवार) को समाप्त होगा।
2.साल 2025 में कुल कितने सावन सोमवार होंगे?
सावन 2025 में कुल चार सावन सोमवार पड़ेंगे:
पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार: 4 अगस्त 2025
3.सावन में भगवान शिव की पूजा क्यों की जाती है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले विष को भगवान शिव ने सावन माह में पिया था। उनके ताप को शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। तभी से इस माह में शिवजी की विशेष पूजा की परंपरा है।
4.सावन सोमवार व्रत कैसे रखा जाता है?
व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सुबह स्नान कर शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। दिनभर फलाहार या निर्जल व्रत रखकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शाम को कथा व आरती के बाद व्रत खोलें।
5.क्या सावन में शिवरात्रि भी आती है?
हां, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। सावन में जो शिवरात्रि आती है उसे सावन शिवरात्रि कहा जाता है। वर्ष 2025 में सावन शिवरात्रि 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) को मनाई जाएगी।
6.सावन में कौन-कौन व्रत रख सकता है?
अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए, विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए और सामान्य श्रद्धालु मोक्ष व पुण्य प्राप्ति के लिए यह व्रत रख सकते हैं।
7.क्या सावन में कांवर यात्रा करना आवश्यक है?
कांवर यात्रा करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह शिवभक्ति का एक विशेष रूप है। जो भक्त कांवर यात्रा करते हैं, वे गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। यह कार्य पुण्यफलदायी माना जाता है।
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