21वीं सदी में तकनीक की दुनिया तेजी से बदल रही है और उसके केंद्र में है — सेमीकंडक्टर। मोबाइल फोन से लेकर कारों, लैपटॉप, टेलीविज़न, और सैटेलाइट तक हर आधुनिक डिवाइस में सेमीकंडक्टर की आवश्यकता होती है। ऐसे में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया भारत सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission – ISM) न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह देश को वैश्विक तकनीकी महाशक्ति भी बना सकता है।
क्या है भारत सेमीकंडक्टर मिशन?
भारत सेमीकंडक्टर मिशन, केंद्र सरकार की एक पहल है जिसे 2021 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य है भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का पूरा इकोसिस्टम विकसित करना। इसके तहत सरकार ने ₹76,000 करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया है ताकि विदेशी और घरेलू कंपनियां भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाएं।
क्यों है यह मिशन गेम-चेंजर?
1. तकनीकी आत्मनिर्भरता-आज भारत 100% सेमीकंडक्टर आयात करता है, खासकर चीन, ताइवान, और दक्षिण कोरिया से। मिशन के सफल होने से भारत की तकनीकी निर्भरता खत्म होगी।
2. रोजगार के नए अवसर-सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन और उससे जुड़ी इंडस्ट्रीज में लाखों कुशल इंजीनियर, टेक्नीशियन और मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स को रोजगार मिलेगा।
3. उद्योगों को मिलेगा बल-ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को घरेलू स्तर पर सस्ते और स्थिर सप्लाई चेन मिल पाएंगे।
4. विदेशी निवेश को बढ़ावा-भारत सरकार की PLI (Production Linked Incentive) स्कीम और स्थिर नीतियों से दुनिया की बड़ी कंपनियां जैसे Foxconn, Vedanta, Micron आदि भारत में निवेश कर रही हैं।
5. वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी-सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी को देखते हुए, भारत एक वैकल्पिक आपूर्ति केंद्र बन सकता है — खासकर पश्चिमी देशों के लिए जो चीन पर निर्भरता कम करना चाहते हैं।
हालिया प्रगति
Micron Technology गुजरात में चिप असेंबली प्लांट स्थापित कर रही है।
Vedanta-Foxconn का सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र और गुजरात में प्रस्तावित है।
भारत सरकार एक “Semicon India Future Skills” initiative के ज़रिए युवाओं को ट्रेनिंग भी दे रही है।
चुनौतियां भी हैं
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग एक पूंजी-गहन और अत्यंत जटिल प्रक्रिया है।
कुशल जनशक्ति, उच्च गुणवत्ता वाली पानी और बिजली, और लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में बाधाएं हो सकती हैं।
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन केवल एक तकनीकी योजना नहीं है, यह भविष्य की आर्थिक और सामरिक स्वतंत्रता की नींव है। यह मिशन भारत को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर स्थापित कर सकता है और देश को इलेक्ट्रॉनिक्स और इनोवेशन का हब बना सकता है। यदि इसे सही दिशा और रफ्तार मिलती है, तो यह वाकई में भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।
(FAQs)-India Semiconductor Mission – ISM
Q1. भारत सेमीकंडक्टर मिशन क्या है?
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission – ISM) एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य India में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का इकोसिस्टम तैयार करना है। इसे 2021 में शुरू किया गया था।
Q2. India Semiconductor Mission की कुल लागत कितनी है?
सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन के लिए लगभग ₹76,000 करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया है।
Q3. India में कौन-कौन सी कंपनियां सेमीकंडक्टर निर्माण कर रही हैं?
Micron Technology, Vedanta-Foxconn, Tata Electronics, और कुछ अन्य कंपनियां India में सेमीकंडक्टर निर्माण की दिशा में काम कर रही हैं।
Q4. India को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की जरूरत क्यों है?
India अभी पूरी तरह से सेमीकंडक्टर के आयात पर निर्भर है।
घरेलू निर्माण से आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, विदेशी मुद्रा बचेगी और लाखों रोजगार सृजित होंगे।
Q5. क्या India सेमीकंडक्टर निर्माण में चीन और ताइवान को टक्कर दे सकता है?
अभी भारत शुरुआती चरण में है, लेकिन सरकार की नीतियों और निवेश को देखते हुए यह मुमकिन है कि भारत अगले 10 वर्षों में वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा बन जाए।
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