भारत के लाल की अंतरिक्ष यात्रा: शुभांशु शुक्ला ने रचा नया इतिहास
26 जून 2025, दोपहर ठीक 12:01 बजे (IST), भारत के लिए गर्व और भावनाओं से भरा हुआ पल था। फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसX के Falcon 9 रॉकेट ने उड़ान भरी और उसके साथ भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की ओर रवाना हो गए। इस ऐतिहासिक उड़ान के साथ वह राकेश शर्मा के 41 साल बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। यह मिशन Axiom-4 के अंतर्गत है, जो 2025 की तीसरी मानव अंतरिक्ष उड़ान है
और इसे Axiom Space और SpaceX द्वारा संयुक्त रूप से अंजाम दिया गया है।
अंतरिक्ष से पहला संदेश: “हम वापस आ गए हैं!”
स्पेसक्राफ्ट के सफल प्रक्षेपण के कुछ ही मिनटों बाद, अंतरिक्ष में धरती की कक्षा में चक्कर लगाते हुए शुभांशु शुक्ला ने देशवासियों को एक भावुक संदेश भेजा:
“नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो! What a ride! 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं।”
उन्होंने कहा कि यह केवल अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक की यात्रा नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। उन्होंने अपने कंधे पर सजे तिरंगे की ओर इशारा करते हुए यह मिशन पूरे भारत को समर्पित किया और कहा:
“सीना गर्व से चौड़ा कर लीजिए, चलिए मिलकर भारत का मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करते हैं।
जय हिंद! जय भारत!”
वैज्ञानिक उद्देश्य और भारतीय मिठाइयां भी साथ
14 दिनों की इस अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला ISS पर कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। यह प्रयोग मानव शरीर, जैव विज्ञान और माइक्रोग्रैविटी पर आधारित हैं,
जिनका उपयोग भविष्य में भारत के Gaganyaan मिशन और अन्य स्पेस प्रोग्राम्स में होगा।
दिलचस्प बात यह है कि शुभांशु अपने साथ कुछ भारतीय मिठाइयां भी ले गए हैं—जिसमें गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम का रस शामिल हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हँसते हुए बताया था कि वह अंतरिक्ष में भी “भारत का स्वाद” नहीं छोड़ सकते।
मां की आंखों में आंसू, देश में जश्न
शुभांशु की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“ये खुशी के आंसू हैं… मैं बहुत इमोशनल हूं।”
देशभर में इस मिशन को लेकर उत्साह और गर्व की लहर है। सोशल मीडिया से लेकर स्कूलों में बच्चों तक, हर कोई भारत के इस नए “स्पेस हीरो” को सलाम कर रहा है।
एक नए युग की शुरुआत
शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं है, यह भारत की नई स्पेस क्रांति की शुरुआत है। Axiom-4 मिशन में तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं, लेकिन शुभांशु की भागीदारी ने इसे हर भारतीय के दिल के करीब बना दिया है।
यह पल हमें याद दिलाता है कि भारत अब केवल अंतरिक्ष देखने वाला देश नहीं रहा, बल्कि उसे छूने और समझने वाला राष्ट्र बन चुका है।
जैसे शुभांशु ने कहा—
“Let your chest swell with pride… Together, let’s launch India’s Human Space Programme!”
जय हिंद! जय भारत!
भारत का तिरंगा अब अंतरिक्ष में लहरा रहा है—और यह तो बस शुरुआत है।
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