सूर्य नमस्कार क्या है?
सूर्य नमस्कार, जिसे इंग्लिश में Sun Salutation कहा जाता है, योग का एक बेहद प्रभावशाली अभ्यास है। इसमें 12 आसान लेकिन प्रभावशाली योग मुद्राओं (poses) की एक श्रृंखला होती है, जिसे सही तरीके से और नियमित रूप से किया जाए तो यह न केवल शरीर को लचीला और फुर्तीला बनाता है, बल्कि तेजी से वजन घटाने में भी मदद करता है। यह एक तरह से फिजिकल एक्सरसाइज, ब्रीदिंग टेक्नीक और मेडिटेशन का कॉम्बिनेशन है।
(Sun Salutation) सूर्य नमस्कार के फायदे
सूर्य नमस्कार करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, मेटाबॉलिज्म तेज होता है, डाइजेशन सुधरता है और पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग होती है। सबसे खास बात यह है कि इसे करने के लिए आपको किसी जिम या इक्विपमेंट की जरूरत नहीं होती। खाली जगह, योगा मैट और थोड़ा समय चाहिए। यह ना सिर्फ पेट की चर्बी कम करता है, बल्कि हाथ, जांघ, पीठ और कंधों को भी टोन करता है।
वजन कैसे घटाता है सूर्य नमस्कार?
एक राउंड यानी सूर्य नमस्कार के 12 पोज़ करने से औसतन 13 से 15 कैलोरी बर्न होती हैं। अगर आप दिन में 12 राउंड करते हैं, तो आप लगभग 150 से 180 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। वजन घटाने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए आपको इसे रोजाना कम से कम 25–30 मिनट तक करना चाहिए। अगर इसे नियमित रूप से 3 महीने तक किया जाए, तो 5 से 8 किलो तक वजन कम होना आम बात है, बशर्ते आप खानपान का ध्यान रखें।
सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स (पोज़) और उनके फायदे
अब जानते हैं सूर्य नमस्कार के 12 पोज़ और उनके फायदे। पहला पोज़ है प्रणामासन, जिसमें नमस्कार मुद्रा में खड़ा होकर सांस की गति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इससे मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है। इसके बाद हस्त उत्तानासन आता है, जिसमें हाथ ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकते हैं, जिससे छाती और पेट की मांसपेशियां खुलती हैं। तीसरा पोज़ पाद हस्तासन है, जिसमें झुककर पैरों को छूते हैं, यह पेट की चर्बी कम करता है और पाचन तंत्र मजबूत बनाता है।
चौथा पोज़ है अश्व संचालनासन, जिसमें एक पैर पीछे ले जाकर घुटने के बल बैठा जाता है, यह जांघों की स्ट्रेचिंग करता है और पीठ को लचीलापन देता है। फिर आता है दंडासन, जो प्लैंक पोज़ की तरह होता है और पेट, हाथ व कंधों को मजबूत करता है। छठा पोज़ है अष्टांग नमस्कार, जिसमें शरीर के आठ हिस्से जमीन को स्पर्श करते हैं – यह छाती और पीठ की ताकत बढ़ाता है।
इसके बाद भुजंगासन आता है, जिसमें कोबरा पोज़ की तरह शरीर को ऊपर उठाया जाता है – यह पीठ दर्द में राहत देता है और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। आठवां पोज़ है पर्वतासन, जिसमें शरीर एक उल्टे V आकार में होता है – यह वजन घटाने के लिए सबसे असरदार आसनों में से एक है क्योंकि यह पूरी बॉडी को एक्टिव करता है। इसके बाद फिर से अश्व संचालनासन, पाद हस्तासन, हस्त उत्तानासन और अंत में प्रणामासन किया जाता है, जिससे सूर्य नमस्कार का एक राउंड पूरा होता है।
12 स्टेप्स-
क्रम | पोज़ का नाम | हिन्दी में नाम | फायदे |
---|---|---|---|
1 | प्रणामासन | नमस्कार मुद्रा | मानसिक एकाग्रता, मन की शांति |
2 | हस्त उत्तानासन | हाथ ऊपर उठाना | पेट और छाती की स्ट्रेचिंग |
3 | पाद हस्तासन | आगे झुकना | पेट की चर्बी कम करता है |
4 | अश्व संचालनासन | घुटने टेक कर एक पैर पीछे | जांघों की स्ट्रेचिंग, पीठ मजबूत |
5 | दंडासन | प्लैंक पोज | कोर और बाहों को टोन करता है |
6 | अष्टांग नमस्कार | आठ अंगों से प्रणाम | छाती और पीठ की मजबूती |
7 | भुजंगासन | कोबरा पोज़ | पीठ दर्द में राहत, पेट की चर्बी घटाता |
8 | पर्वतासन | पर्वत मुद्रा | पेट, टांगें, और बाहों को टोन करता है |
9 | अश्व संचालनासन | फिर से पैर पीछे | लचीलापन बढ़ाता है |
10 | पाद हस्तासन | फिर से आगे झुकना | रक्त संचार बेहतर करता है |
11 | हस्त उत्तानासन | ऊपर झुकते हुए उठना | ऊर्जा का संचार |
12 | प्रणामासन | फिर से नमस्कार मुद्रा | अभ्यास का समापन |
कब करें सूर्य नमस्कार?
सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा समय है सुबह सूरज उगने के समय। इस समय शरीर फ्रेश रहता है, वातावरण शांत होता है और पेट खाली होता है। कोशिश करें कि सूर्य नमस्कार खाली पेट करें या खाना खाने के कम से कम 3 घंटे बाद। शांत वातावरण और खुले स्थान में अभ्यास करना ज्यादा लाभकारी होता है।
कितने राउंड करें? Beginners के लिए Tips
अब सवाल उठता है कि शुरुआत में कितना करें? अगर आप बिल्कुल शुरुआत कर रहे हैं, तो पहले हफ्ते में 4 से 6 राउंड ही करें। जैसे-जैसे स्टैमिना बढ़े, आप इसे बढ़ा सकते हैं। मध्यम स्तर पर 8–12 राउंड और एक्सपर्ट लेवल पर 24 राउंड तक सूर्य नमस्कार किया जा सकता है। समय के हिसाब से शुरुआती लोग 15–20 मिनट, और अनुभवी लोग 45–60 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं।
शुरुआत करने वालों के लिए कुछ खास टिप्स – सबसे पहले एक-एक पोज़ को समझें, जल्दीबाज़ी न करें। वीडियो देखकर या योग गुरु की मदद से सही मुद्रा सीखें। सांस लेने और छोड़ने के क्रम को फॉलो करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यही आपकी ऊर्जा और ध्यान को नियंत्रित करता है।
कितने समय में दिखेगा असर? और किन्हें सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए?
अगर आप रोज सुबह सूर्य नमस्कार करते हैं, तो 2 हफ्ते में शरीर में हल्कापन और ताजगी महसूस होगी। एक महीने के भीतर चेहरे और पेट पर फर्क नजर आने लगेगा। और 3 महीने में शरीर टोन होने लगेगा और वजन घटेगा भी।
हालांकि सूर्य नमस्कार सभी के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, गंभीर पीठ दर्द या हाल में सर्जरी हुई हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। गर्भवती महिलाओं को भी योग विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
आखिर में यही कहूंगी – सूर्य नमस्कार सिर्फ एक योगासन नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है जो आपके तन, मन और आत्मा को ऊर्जा से भर देता है। रोज़ 10 मिनट से शुरुआत कीजिए और फिर इसका असर खुद महसूस कीजिए।
FAQs (Frequently Asked Questions):
Q1. क्या सूर्य नमस्कार से सच में वजन घटता है?
हाँ, सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करने से वजन तेजी से घटता है क्योंकि यह कार्डियो और स्ट्रेंथ दोनों तरह की एक्टिविटी है।
Q2. सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा समय कौन-सा होता है?
सुबह सूर्योदय के समय या खाली पेट करना सबसे बेहतर होता है।
Q3. शुरुआत में कितने राउंड सूर्य नमस्कार करें?
शुरुआती लोग 4 से 6 राउंड से शुरू करें और धीरे-धीरे 12–24 राउंड तक ले जाएं।
Q4. क्या सूर्य नमस्कार से पेट की चर्बी कम होती है?
जी हाँ, सूर्य नमस्कार पेट की चर्बी को टारगेट करता है और कोर मसल्स को टोन करता है।
Q5. एक राउंड सूर्य नमस्कार से कितनी कैलोरी बर्न होती है?
प्रत्येक राउंड में लगभग 13–15 कैलोरी बर्न होती है। एक दिन में 12 राउंड करने से 150–180 कैलोरी तक बर्न होती हैं।
Q6. क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान सूर्य नमस्कार कर सकती हैं?
इस समय शरीर को आराम देना बेहतर होता है, इसलिए सूर्य नमस्कार करने से बचें।
Q7. क्या सूर्य नमस्कार प्रेगनेंसी में किया जा सकता है?
सिर्फ योग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह से ही करें।
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