यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने डिजिटल लेन-देन की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है। जून 2025 में, UPI के जरिए कुल 18.39 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए, जिसकी कुल वैल्यू ₹24 लाख करोड़ से अधिक रही। यह आंकड़ा न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए उल्लेखनीय है क्योंकि अब भारत दुनिया का सबसे बड़ा फास्ट पेमेंट सिस्टम बन चुका है। इसने Visa जैसे अंतरराष्ट्रीय पेमेंट नेटवर्क को भी पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान में UPI का औसतन दैनिक उपयोग 650 मिलियन से अधिक हो गया है।
UPI क्या है और यह कैसे काम करता है?
UPI की शुरुआत 2016 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा की गई थी। इसका मकसद था – एक ऐसा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बनाना जो हर भारतीय को सुरक्षित, तेज़ और आसान लेन-देन की सुविधा दे सके। इस प्लेटफॉर्म की सबसे खास बात यह है कि यह रीयल-टाइम फंड ट्रांसफर करता है और उपयोगकर्ता अपने बैंक खाते को मोबाइल ऐप से जोड़कर किसी को भी पैसों का भुगतान कर सकता है, वो भी सिर्फ मोबाइल नंबर या QR कोड के ज़रिए। इसके लिए किसी IFSC कोड या अकाउंट नंबर की जरूरत नहीं पड़ती।
जैसे-जैसे स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ी, वैसे-वैसे UPI की लोकप्रियता भी आसमान छूने लगी। आज यह न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण भारत में भी समान रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम, जन धन योजना और मोबाइल क्रांति ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। आज भारत के लगभग 500 मिलियन से अधिक लोग और 65 मिलियन व्यापारी यूपीआई से जुड़े हुए हैं।
UPI का वैश्विक विस्तार
यूपीआई का दायरा अब भारत की सीमाओं से बाहर निकल चुका है। अब यह कई देशों में स्वीकार किया जाने लगा है। सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस, मॉरीशस, UAE और हाल ही में Trinidad & Tobago जैसे देश इसमें शामिल हो चुके हैं। NPCI की इंटरनेशनल ब्रांच (NIPL) अब इसे अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका तक पहुंचाने पर काम कर रही है। भारत-सिंगापुर के बीच शुरू हुआ UPI–PayNow लिंक एक बड़ा उदाहरण है, जिससे अब लोग विदेशों से भी भारत में सीधे रीयल-टाइम पैसे भेज सकते हैं।
यूपीआई की कुछ नई विशेषताओं ने इसे और भी उपयोगी बना दिया है। उदाहरण के लिए, UPI Lite अब ऑफलाइन पेमेंट की सुविधा देता है, जिससे इंटरनेट ना होने पर भी ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। वहीं, UPI 123Pay फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को टेलीफोन कॉल, IVR या मिस्ड कॉल के ज़रिए भुगतान करने की सुविधा देता है। IDFC First Bank ने हाल ही में 12 देशों के अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों पर भी UPI पेमेंट्स को सपोर्ट करना शुरू किया है, जो NRI उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत ही उपयोगी है।
UPI की बढ़ती लोकप्रियता बड़ा कारण
UPI की तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता का एक बड़ा कारण इसकी तकनीकी सरलता, ट्रांजैक्शन की फ्री या बेहद कम लागत और सरकार का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विश्वास है। यह पूरी तरह से ओपन-सोर्स सिस्टम पर आधारित है, जिससे इसे अन्य देशों में भी आसानी से लागू किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, भारत का UPI मॉडल दुनिया के लिए एक आदर्श बन गया है। सिर्फ 9 सालों में यूपीआई ने वो मुकाम हासिल किया है, जिसे हासिल करने में अन्य देशों को दशकों लग सकते हैं। आने वाले समय में, जब यह और देशों में लागू होगा, तब शायद UPI एक ग्लोबल डिजिटल पेमेंट स्टैंडर्ड बन जाए। भारत की यह तकनीक न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को बदल रही है, बल्कि पूरी दुनिया के डिजिटल लेन-देन के तरीके को भी प्रभावित कर रही है।
FAQs with Answers-
1. UPI इंटरनेशनल नंबर से कैसे इस्तेमाल करें?
अब NRI (Non-Resident Indians) भी भारत के बाहर से UPI का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए कुछ बैंकों ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर (जैसे +1 USA, +971 UAE) पर यूपीआई सुविधा शुरू कर दी है।
IDFC First Bank, SBI, Axis Bank जैसे बैंकों ने विदेशों में बसे भारतीयों के लिए यह सेवा शुरू की है।
उपयोग करने के लिए-
- अपने बैंक ऐप या UPI ऐप (जैसे BHIM, PhonePe, GPay) में अंतरराष्ट्रीय नंबर रजिस्टर करें।
- बैंक द्वारा KYC पूरा करें।
- UPI एक्टिवेट करने के बाद सामान्य रूप से QR कोड स्कैन या VPA से भुगतान करें।
यह सुविधा अभी 12 से ज्यादा देशों में शुरू हो चुकी है, और जल्द ही और देशों में विस्तार होगा।
2. UPI 123Pay क्या है?
UPI 123Pay एक ऐसी सेवा है जो उन लोगों के लिए शुरू की गई है जो स्मार्टफोन या इंटरनेट का उपयोग नहीं करते हैं। यह फीचर फोन यूज़र्स के लिए डिज़ाइन की गई है।
मुख्य विशेषताएं-
- IVR कॉल करके भुगतान करें (उदाहरण: किसी तय नंबर पर कॉल कर के गाइडेड स्टेप्स से पैसे भेजना)
- मिस्ड कॉल पेमेंट सर्विस
- वॉयस आधारित डिजिटल पेमेंट
- हिंदी, अंग्रेज़ी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध
यह सेवा डिजिटल इंडिया को हर तबके तक पहुंचाने का प्रयास है।
3. UPI Lite ऑफलाइन कैसे काम करता है?
UPI Lite एक ऑफलाइन पेमेंट सिस्टम है, जिसे खासतौर पर छोटे ट्रांजैक्शनों (₹500 तक) के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें इंटरनेट या बैंक सर्वर की जरूरत नहीं होती।
कैसे काम करता है-
- पहले से वॉलेट में कुछ राशि लोड कर लें (जैसे ₹2,000 तक)
- QR कोड स्कैन करें और पेमेंट तुरंत हो जाएगा
- इसमें कोई OTP या बैंक पिंग की जरूरत नहीं
- पेमेंट सफल होते ही एक SMS मिल जाता है
यह फीचर गांवों, सब्ज़ी मंडी, और लो-कनेक्टिविटी क्षेत्रों में बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है।
4. किन देशों में UPI चालू है?
भारत ने अब UPI को वैश्विक स्तर पर विस्तार देना शुरू कर दिया है। 2025 तक ये प्रमुख देश यूपीआई को स्वीकार करने लगे हैं-
देश का नाम | साझेदारी |
---|---|
सिंगापुर | UPI–PayNow लिंक |
UAE | PhonePe और NPCI साझेदारी |
फ्रांस | QR कोड स्कैन से भुगतान |
भूटान | Cross-border UPI-enabled acceptance |
नेपाल | यूपीआई आधारित रेमिटेंस सुविधा |
श्रीलंका | जल्द शुरू होने की योजना |
मॉरीशस | NPCI के माध्यम से सेवा शुरू |
Trinidad & Tobago | नई साझेदारी की घोषणा 2025 में |
बहुत जल्द यह सेवा अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप के अन्य हिस्सों में भी उपलब्ध होगी।
5.UPI-PayNow लिंक” – भारत-सिंगापुर के बीच ट्रांजैक्शन कैसे करें?
भारत और सिंगापुर ने एक ऐतिहासिक समझौता किया है जिससे दोनों देशों के नागरिक अब एक-दूसरे को रियल टाइम में पैसे भेज सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे भारत में GPay या PhonePe से भेजते हैं।
भारत में- UPI (PhonePe, BHIM, etc.)
सिंगापुर में-PayNow
कैसे करें- भारतीय ग्राहक अपने UPI ऐप में जाकर सिंगापुर का मोबाइल नंबर या UEN नंबर डालकर पैसे भेज सकते हैं।
यह सुविधा सीमित बैंकों और ऐप्स पर उपलब्ध है जैसे SBI, ICICI, Axis Bank, DBS Bank Singapore आदि।
भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति
आज के दौर में UPI केवल एक मोबाइल पेमेंट टूल नहीं है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया का मेरुदंड बन चुका है। चाहे आप गांव में हों, विदेश में, फीचर फोन यूज़र हों या बिज़नेस मर्चेंट – यूपीआई हर किसी के लिए कुछ न कुछ सुविधा लेकर आया है। यही कारण है कि लोग इंटरनेट पर लगातार इससे जुड़े सवाल सर्च कर रहे हैं।
भारत का UPI न सिर्फ देश की आर्थिक रफ्तार को डिजिटल बना रहा है, बल्कि अब दुनिया भी इस तकनीक को अपना रही है। इसके पीछे भारत की सोच, टेक्नोलॉजी, और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं हैं, जो यूपीआई को पूरी दुनिया में अग्रणी बना रही हैं।
आने वाले वर्षों में, यूपीआई वैश्विक मानक बन सकता है – खासकर विकासशील देशों में, जहां तेज़, सुरक्षित और मुफ्त भुगतान प्रणाली की मांग है।
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